Monday, 1 May 2023

जानें क्या है मजदूर दिवस का इतिहास और क्यों समर्पित है मजदूरों को ये दिन

हर साल 1 मई को देश-दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जाता है। मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल एक मई का दिन इनको समर्पित होता है। जिसे लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे के नाम से जाना जाता है। 
मजदूर दिवस का दिन ना केवल श्रमिकों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है। जिससे कि उन्हें समान अधिकार मिल सके। तो चलिए जानें क्या है मजदूर दिवस का इतिहास और इस दिन को मनाने का उद्धेश्य।
 आखिर क्यों 1 मई को मनाया जाता है मजदूर दिवस
1 मई 1886 को अमेरिका में आंदोलन की शुरूआत हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए थे और वो अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने लगे। इस तरह के आंदोलन का कारण था काम के घंटे क्योंकि मजदूरों से दिन के 15-15 घंटे काम लिया जाता था। आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी और कई मजदूरों की जान चली गई। वहीं 100 से ज्यादा श्रमिक घायल हो गए। इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमे तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा।
इस सम्मेलन में ही 1 मई को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही हर साल 1 मई को छुट्टी देने का भी फैसला लिया गया। अमेरिका में श्रमिकों के आठ घंटे काम करने के निमय के बाद कई देशों में इस नियम को लागू किया गया।
भारत में कब हुई शुरूआत
अमेरिका में भले ही 1 मई 1889 को मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव आ गया हो। लेकिन भारत में ये आया करीब 34 साल बाद। भारत में 1 मई 1923 को चेन्नई से मजदूर दिवस मनाने की शुरूआत हुई। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये फैसला किया गया। इस बैठक को कई सारे संगंठन और सोशल पार्टी का समर्थन मिला। जो मजदूरों पर हो रहे अत्याचारों और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
क्या है मजदूर दिवस का उद्धेश्य
1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्धेश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और शोषण को रोकना है। इस दिन बहुत सारे संगठनों में कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दी जाती है।
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Monday, 16 January 2023

Chat GPT क्या है और काम कैसे करता है



chat gpt क्या है और काम कैसे करता है | 

Chat GTP Kya Hai In Hindi:

Chat GPT, 30 नवम्बर 2022 को लांच हुआ और तब से ही यह चर्चा में बना हुआ है. हर व्यक्ति और एक्सपर्ट Chat GPT पर अपनी – अपनी राय रख रहा है. किसी का कहना है कि Chat GPT के आने से इंसानी नौकरियां खत्म हो जायेंगीं तो कई सारे लोग मान रहे हैं कि यह कई सॉफ्टवेयर, गूगल जैसे सर्च इंजन को Replace कर देगा. आखिर Chat GPT की सच्चाई क्या है और विशेषज्ञों के इन दावों में कितनी मजबूती है, हम आज के इस आर्टिकल में समझने की कोशिस करेंगें.

इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको Chat GPT क्या है, यह काम कैसे करता है, Chat GPT के फायदे और नुकसान क्या हैं तथा Chat GPT से जुड़े सभी सवालों, जो आजकल चर्चा में बने हुए हैं, के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं.


Chat GPT को OpenAI के द्वारा Develop किया गया है जो कि गूगल सर्च इंजन की तरह काम करता है. लेकिन इसका जवाब देने का तरीका गूगल से काफी अलग है. एक ओर गूगल जहाँ आपको किसी भी Query के जवाब में अनेक सारी वेबसाइटों के लिंक देता हैं, वहीँ दूसरी ओर Chat GPT आपके सवाल का सीधा जवाब देता है.

आप किसी भी सवाल को Chat GPT से पूछ सकते हैं, यह उस सवाल का विस्तृत जवाब आर्टिकल के रूप में आपको दिखाता है. Chat GPT को विस्तार से समझने के लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहिये.


Chat GPT क्या है और काम कैसे करता है -
तो चलिए आपका अधिक समय ना लेते हुए शुरू करते हैं 

Chat GPT जिसका फुल फॉर्म Chat Generative Pre-Trained Transformer (चैट जनरेटिव प्री – ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर) होता है, यह OpenAI के द्वारा Develop किया गया एक Chatbot है, जो कि Artificial Intelligence पर काम करता है. 


Chat GPT से आप टेक्स्ट फॉर्म में बात कर सकते हैं और अपने सवाल का जवाब प्राप्त कर सकते हैं. वर्तमान समय में यह केवल इंग्लिश भाषा को सपोर्ट करता है. आपके जो भी सवाल हैं उसे आप Chat GPT से लिखकर पूछ सकते हैं, इसके बाद Chat GPT आपको उस सवाल का विस्तृत जवाब दे देता है.

Chat GPT से आप जब भी कोई सवाल पूछते हैं तो यह गूगल की भांति हजारों वेबसाइट की लिंक नहीं देता है बल्कि यह यूजर को उसके सवाल का सीधा जवाब देता है. Chat GPT आपको छुट्टी की एप्लीकेशन, निबंध, YouTube विडियो स्क्रिप्ट, कवर लैटर, बायोग्राफी आदि लिख कर दे सकता है.

Chat GPT, OpenAI के GPT-3.5 समूह के भाषा मॉडल में एक मॉडल का एक संशोधित संस्करण है.


Chat GPT की शुरुवात Sam Altman नाम के व्यक्ति ने साल 2015 में Elon Musk के साथ मिलकर की थी, तब यह एक Non – Profit कंपनी थी. कुछ समय बाद एलोन मस्क ने इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया था.

इसके बाद बिल गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने Chat GPT में निवेश किया, और 30 नवम्बर 2022 को Chat GPT को एक प्रोटोटाइप के रूप में लांच किया गया. OpenAI के CEO Sam Altman के अनुसार Chat GPT ने 1 सप्ताह से कम समय के अन्दर 10 मिलियन यूजर तक पहुँच बना ली है.

Chat GPT काम कैसे करता है?
Chat GPT के काम करने के तरीके को समझने के लिए हम इसके फुल फॉर्म को समझ लेते हैं.

Generative का मतलब होता है जनरेट करने वाला या बनाने वाला.
Pre-Trained का मतलब है जो पहले से ही ट्रेन है और इसे ट्रेन करने की जरुरत नहीं है.
Transformer का मतलब होता है ऐसा मशीन लर्निंग मॉडल जो दिए गए टेक्स्ट को समझ लेता है.
Chat GPT को पहले से ही Train किया गया है, और इसे ट्रेन करने के लिए इसमें सार्वजनिक रूप से मौजूद डेटा इस्तेमाल किया गया है. आप Chat GPT से जो भी सवाल पूछते हैं वह अपने इसी डेटा बेस से खोजकर आपके सामने सही भाषा में आर्टिकल के रूप में प्रस्तुत करता है. 

Chat GPT की विशेषतायें 

Chat GPT की कुछ प्रमुख विशेषतायें निम्नलिखित हैं – 

Chat GPT आपके सवाल के विस्तृत जवाब आर्टिकल के रूप में प्रदान करता है.
कंटेंट जनरेट के लिए Chat GPT का इस्तेमाल किया जा सकता है.
अपने किसी भी सवाल का जवाब रियल टाइम में प्राप्त कर सकते हैं. 
Chat GPT का इस्तेमाल फ्री में कर सकते हैं.
आप निबंध, एप्लीकेशन, बायोग्राफी आदि Chat GPT के द्वारा लिख सकते हैं.
Chat GPT का इस्तेमाल कैसे करें?
Chat GPT का इस्तेमाल करने के लिए आपको इसमें अपने अकाउंट बनाना पड़ता है, इसके बाद आप Chat GPT का इस्तेमाल कर सकते हैं. वर्तमान समय में आप Chat GPT का इस्तेमाल बिल्कुल फ्री में कर सकते हैं, लेकिन भविष्य में यह सर्विस पेड हो सकती है.

Chat GPT का इस्तेमाल करने के लिए आप निम्नलिखित प्रोसेस को फॉलो करें

स्टेप 1 – सबसे पहले आप अपने वेब ब्राउज़र में Chat.Openai.Com वेबसाइट को ओपन करें.
स्टेप 2 – यहाँ पर आपके सामने 2 ऑप्शन आयेंगें Login और Sign Up का, आपको Sign Up पर क्लिक कर लेना है.
स्टेप 3 – आप Chat GPT में ईमेल एड्रेस, माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट या फिर Gmail ID के द्वारा अकाउंट बना सकते हैं. Gmail ID से Chat GPT में अकाउंट बनाने के लिए आप Continue With Google पर क्लिक करें.
स्टेप 4 – जिस जीमेल आईडी के द्वारा आप Chat GPT में अकाउंट बनाना चाहते हैं उसे सेलेक्ट कर लीजिये.
स्टेप 5 – इसके बाद आपको अपना नाम Chat GPT में इंटर करना है और फिर अपने फोन नंबर इंटर करके Continue पर क्लिक कर लेना है.
स्टेप 6 – आपके द्वारा दर्ज किये गए मोबाइल नंबर पर एक OTP आयेगा, आप OTP इंटर करके Verify करवा लीजिये.
स्टेप 7 – फोन नंबर Verify करवाते ही आपका अकाउंट Chat GPT में सफलतापूर्वक बन जायेगा और फिर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
Chat GPT के फायदे
Chat GPT को इस्तेमाल करने के अनेक सारे फायदे यूजर को मिलते हैं जैसे कि 

Chat GPT यूजर के सवाल का सीधा और विस्तृत जवाब देता है.
गूगल की भांति यूजर को जवाब ढूंढने के लिए अलग – अलग वेबसाइटों को विजिट नहीं करना पड़ता है.
आप Chat GPT को बता सकते हैं कि आप अपने सवाल के जवाब से संतुष्ट हैं या नहीं. 
आप बिल्कुल फ्री में Chat GPT का इस्तेमाल कर सकते हैं.
Chat GPT के नुकसान
Chat GPT के फायदों के साथ अभी इसमें काफी कमियां भी हैं जैसे कि – 

Chat GPT के पास सीमित डेटा है.
बहुत सारे ऐसे सवाल हैं जिनका Chat GPT सटीक जवाब नहीं देता है.
फिलहाल Chat GPT केवल English भाषा को समझता है और उसी में जवाब देता है.
Chat GPT की ट्रेनिंग 2022 के शुरुवात में ख़त्म हो गयी थी, इसलिए आपको इसमें इसके बाद की घटनाओं की सही जानकारी नहीं मिल पायेगी.
Chat GPT केवल Research Period तक ही फ्री में Available है, इसके बाद आपको इसका इस्तेमाल करने के लिए चार्ज देना पड़ेगा.
क्या Chat GPT गूगल को Replace कर सकता है?
वर्तमान की बात करें जो Chat GPT गूगल को Replace नहीं कर सकता है क्योंकि इसके पास बहुत ही सीमित जानकारी है, और यह ज्यादा विकल्प नहीं देता है. Chat GPT उतना ही जवाब आपको दे सकता है जितना कि इसे ट्रेन किया गया है.

इसके विपरीत लेकिन गूगल के पास डेटा का विशाल भण्डार है आपको हर प्रकार की जानकारी गूगल पर मिल जायेगी. साथ ही गूगल यूजर के सवाल के लिए कई विकल्प देता है जैसे आर्टिकल, वेबसाइट, विडियो, इमेज, न्यूज़ आदि.


इसके अलावा Chat GPT आपके द्वारा पूछे जाने वाले सवालों के भी सटीक जवाब नहीं देता है, जबकि गूगल के पास User Intent जैसे एडवांस अलोरिथ्म हैं जिनकी मदद से गूगल यह समझ सकता है कि यूजर की Query करने के पीछे का इरादा क्या है.

इन सब कारणों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि फिलहाल तो Chat GPT के पास गूगल को Replace करने की योग्यता नहीं है.

क्या Chat GPT से नौकरियां ख़त्म हो जायेंगीं?
टेक्नोलॉजी में कैलकुलेटर से लेकर कंप्यूटर तक सभी ने समय – समय पर इंसानों की नौकरियां ख़त्म की हैं, इसलिए कई सारे लोगों का मानना यह भी है कि Chat GPT के आने से कई सारे लोग अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठ सकते हैं.

देखा जाय तो अभी Chat GPT से कोई इंसानी नौकरी खतरे में नहीं है, क्योंकि इसके द्वारा दिए जाने वाले जवाब सटीक नहीं होते हैं लेकिन हो सकता है आने वाले कुछ सालों में जब Chat GPT को अपडेट करके अधिक एडवांस बनाया जायेगा तो यह कई सारी इंसानी नौकरियों को खत्म कर देगा.

अगर Chat GPT को अधिक एडवांस बनाया जाता है तो यह ऐसे नौकरियों को ख़त्म कर सकता है जिसमें सवाल – जवाब का काम होता है. जैसे कस्टमर केयर, कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले अध्यापक आदि.


FAQs: Chat GPT Kya Hai In Hindi 
Chat GPT क्या है?
Chat GPT एक Chatbot है जो कि यूजर के सवालों का सीधा जवाब देता है.

Chat GPT का फुल फॉर्म क्या है?
Chat GPT का फुल फॉर्म Chat Generative Pre-Trained Transformer होता है.

Chat GPT को किसने बनाया है?
Chat GPT को Open AI कंपनी के द्वारा बनाया गया है और इसे 30 नवम्बर 2022 को रिलीज़ किया गया.

क्या Chat GPT गणित के सवालों को हल कर सकता है?
अभी Chat GPT को इस प्रकार की ट्रेनिंग नहीं मिली है, इसलिए यह गणित के सवालों को हल नहीं कर सकता है.

क्या Chat GPT हिंदी भाषा को समझता है?
फिलहाल Chat GPT केवल इंग्लिश भाषा को समझता है, अभी यह हिंदी या अन्य देशों की भाषाओं को समझने में असमर्थ हैं
अंतिम शब्द –
 Chat GPT क्या है पूरी जानकारी हिंदी में
हालाँकि Chat GPT को Develop कर तो लिया गया है लेकिन यह अभी गूगल के जितना एडवांस नहीं है, लेकिन भविष्य में इसमें और भी संसोधन करके अपडेट किया जायेगा, और माइक्रोसॉफ्ट जैसे कंपनी ने अपने सर्च इंजन को बेहतर बनाने के लिए इसमें निवेश भी किया है. आने वाले कुछ समय में Chat GPT के उपयोग में बढ़ोतरी होगी.

दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको Chat GPT क्या है के बारे में कम्पलीट जानकारी प्रदान की है, हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप Chat GPT को अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें. आप इस लेख को सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक शेयर करें और अपने दोस्तों को भी Chat GPT के बारे में बतायें. 

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Sunday, 1 January 2023

साल 2022 की महत्वपूर्ण घटनाएं

 Major Happenings in 2022
इस दुनिया में हर दिन, हर घंटे और हर सेकंड कुछ न कुछ घटता रहता है. लेकिन, इतिहास के पन्नों में हर चीज़ दर्ज नहीं हो जाती, जिसे आगे आने वाली पीढ़ी जान सके, पढ़ सके और उसे समझ सके. अनगिनत घटनाओं में कुछ ही ऐसी घटनाएं ( होती हैं, जिन्हें इतिहास के पन्नों में ख़ास जगह मिल जाती है. चूंकि 2022 ख़त्म होने वाला है और नया साल आने वाला है, तो क्यों न इस वर्ष विश्व भर में घटी कुछ चुनिंदा महत्वपूर्ण घटनाओं पर नज़र मार ली जाए. 

हमारे साथ जानिए 2022 में घटी उन घटनाओं (Most Significant World Events in 2022 in Hindi) के बारे में जो अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी हैं.
1. Queen Elizabeth II का निधन
 70 साल के शासन के बाद यूनाइटेड किंगडम और 14 अन्य राष्ट्रमंडल क्षेत्रों की रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 8 सितंबर को दुनिया को अलविदा कहा.  

2. रूस का यूक्रेन पर आक्रमण
 24 फ़रवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन के साथ चल रहे तनाव के बीच यूक्रेन पर आक्रमण किया. वहीं, इसने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े शरणार्थी संकट को जन्म दिया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय ने 18 दिसंबर 2022 तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दौरान कुल 6,826 नागरिकों की मौत की पुष्टि की. उनमें से 428 बच्चे थे. इसके अलावा, 10,769 लोग घायल हुए. 

3. ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना
 भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने इतिहास बनाते हुए ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का पद संभाला. ऋषि सुनक पहले ऐसे भारतवंशी हैं, जिन्होंने यूके सरकार का सबसे बड़ा पद संभाला है.  

4. दीपिका पादुकोण का फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी लॉन्च करना
 बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने कतर में आयोजित हुए FIFA World Cup 2022 की ट्रॉफ़ी लॉन्च की. इसी के साथ वे ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनीं.
5-England का T20 world Cup 🏆⚽ जीतना
इंग्लैंड ने पाकिस्तान को हराकर 13 नवंबर 2022 को T20 World Cup का ख़िताब अपने नाम किया. 

6. Argentina का फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप जिताना
अर्जेंटीना ने लुसैल (कतर) में आयोजित हुए Qatar World Cup में 3-3 से ड्रॉ के बाद पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस को 4-2 से हराकर अपना तीसरा विश्व कप ख़िताब जीता. 

7. स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन
इसी वर्ष 6 फ़रवरी को भारत की गौरव स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 वर्ष में निधन हुआ.
8- Cambridge University में पढ़ रहे भारतीय छात्र Rishi Rajpopat ने उस 2500 साल पुरानी संस्कृत पहली को सुलझाया, जिसे 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से कोई भी विद्वान सुलझा नहीं पाया था. Rishi Rajpopat ने भाषाविज्ञान के जनक माने जाने वाले आचार्य ‘पाणिनि’ द्वारा सिखाए गए एक नियम को डिकोड किया है. 

9-जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन
इसी साल 8 जुलाई को जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की जापान के ‘नारा’ शहर में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. उन पर गोलियां तब बरसाई गई, जो वो चौक पर भाषण दे रहे थे.
10- राजपथ का नाम ‘कर्तव्य पथ’ होना
 भारत के विभिन्न शहरों, रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की रेस में इसी साल दिल्ली के राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया गया. ये भी अपने आप में एक बड़ी घटना है.
11- Droupadi Murmu का राष्ट्रपति बनना
इस वर्ष पहली महिला आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू. सीजेआई एन. वी. रमणा ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई थी.
12-भारत ने जीता Blind T20 World Cup
भारतीय क्रिकेट टीम ने Blind T20 World Cup जीत लिया है. 7 दिसंबर को बेंगलुरु के M. Chinnaswamy Stadium में खेले गए मैच में भारतीय टीम ने बांग्लादेश को 120 रन से हराकर ये ख़िताब अपने नाम कर लिया. वहीं, इससे पहले भारत ने 2012 और 2017 में Blind T20 World Cup जीता था.

13-सरगम कौशल ने जीता Mrs World 2022 का ख़िताब
Mrs World 2022 का ख़िताब जम्मू-कश्मीर की रहने वाली सरगम कौशल ने अपने नाम किया है. भारत ने ये ख़िताब 21 साल का बाद अपने नाम किया है. वहीं, सरगम कौशल इससे पहले Mrs India का ख़िताब अपने नाम कर चुकी है.


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Sunday, 25 December 2022

Q-What's the best way to avoid coworkers taking credit for your work?

Don’t avoid it. Accept it. Congratulations, your life just got MUCH easier and your load just got much lighter! Seriously. Try this. It will make you more relaxed and calm and avoid a potentially never-ending, losing game.

People around you will take credit, probably doesn’t matter what company, job, environment. 
It’s a human trait. Ultimately this will catch up to them, but more importantly: what is it that is making you afraid? Are you worried they will be given an opportunity ahead of you because they stole the limelight? Is it worth competing for the “credit”? Is it worth the stress?

Less qualified, less-innovative people will get better jobs, more pay, more opportunity. Is your goal to slow their progress, or accelerate yours?

The ego is a powerful force. Your ego, your expectations of your value and appreciation all factor into your thoughts.

Thursday, 15 December 2022

Bermuda Tringle Mystery & History📖

Bermuda Triangle: 
आसान भाषा में समझिए क्या है बरमूडा ट्रायंगल की हिस्ट्री और मिस्ट्री
Bermuda Triangle: हैरत की बात ये है कि पिछले 100 सालों में इसमें 75 हवाई जहाज और 100 से ज्यादा छोटे-बड़े जहाज समा चुके हैं और 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
हाइलाइट्स
ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है बरमूडा ट्रायंगल।
सबसे पहले इसकी जानकारी क्रिस्टोफर कोलंबस ने दी थी।
उनका ये भी मानना है कि बरमूडा ट्रायंगल एलियंस के बेस तक जाता है।
हम अक्सर बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) के विषय में सुनते हैं और नाम सुनकर हमें अचंभा लगता है कि आखिर ये है क्या और इसका रहस्य क्या है। साइंस की भाषा में जब हम पढ़ते हैं तो हमें उतना अच्छे से समझ नहीं आता है, लेकिन अगर कोई आम बोलचाल की भाषा में समझा सके तो कितना बेहतर होता। इसलिए हम इस लेख के माध्यम से आपके लिए लेकर आएं हैं बरमूडा ट्रायंगल की हिस्ट्री और उसकी मिस्ट्री बेहद आसान और आम बोलचाल की भाषा में जिससे आपको इस विषय को समझने में कोई समस्या ना हो।
क्या है बरमूडा ट्रायंगल?
अटलांटिक सागर में 5 लाख स्क्वायर किलोमीटर का एक हिस्सा बरमूडा ट्रायंगल कहलाता है। इसे बारमूडा ट्रायंगल इसलिए कहते हैं क्योंकि इसका आकार ट्रायंगल की तरह है। हालांकि इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन हैरत की बात ये है कि पिछले 100 सालों में इसमें 75 हवाई जहाज और 100 से ज्यादा छोटे-बड़े जहाज समा चुके हैं और 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि यह एक मिस्ट्री या रहस्य बना हुआ है। इसे डेविल (राक्षस) ट्रायंगल नाम से भी जाना जाता।
 बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर मियामी (फ्लोरिडा) से महज 1770 किलोमीटर और हैलिफैक्स, नोवा स्कोटिया, (कनाडा) के दक्षिण में 1350 किलोमीटर (840 मील) की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि सबसे पहले इसकी खोज या यूं कहिए इसकी जानकारी क्रिस्टोफर कोलंबस ने दुनिया को दी थी। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से बताया था कि किस तरह की घटनाएं बरमूडा ट्रायंगल में होती हैं और यह एक रास्ता है, जो एलियंस के बेस तक जाता है।
क्यों गायब हो जाते हैं जहाज
 इस क्षेत्र में जहाजों के गायब होने के कारणों पर कई शोध और अध्ययन हुए, लेकिन अभी तक स्पष्ट रूप से कुछ पता नहीं चल पाया है। हालांकि जहाजों के गायब होने को लेकर वैज्ञानिक मौसम को इसका जिम्मेदार बताते हैं। बरमूडा ट्रायंगल के आसपास के मौसम पर शोध कर वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि इस ट्रायंगल के ऊपर खतरनाक हवाएं चलती हैं और इनकी रफ्तार 170 मील प्रति घंटे रहती है। जब कोई जहाज इस हवा की चपेट में आता है, तो अपना संतुलन खो बैठता है, जिसके कारण उनका एक्सीडेंट हो जाता है।

बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है। वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) में बेहद भारी चीजों को अपनी ओर खींच लेने की ताकत बादलों की हेक्सागोनल शेप की वजह से आती है। यह बादल ‘एयर बम’ बनाते हैं। यानी हवा में बम ब्लास्ट जैसी ताकत पैदा करते हैं। इनके साथ 170 मील (करीब 273 किलोमीटर)/घंटा की रफ्तार वाली हवाएं होती हैं और ये बादल और हवाएं आपस में मिलकर जब जहाज से टकराते हैं और उन्हें खींचकर समुद्र के तल में ले जाते हैं।

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Tuesday, 13 December 2022

क्या आप जानते हैं ग्रेट गीजा पिरामिड से जुड़ी ये रोचक बातें? यहां जानें इजिप्ट के पिरामिडों का रहस्य

वैसे तो मिस्र में कई पिरामिड हैं और काहिरा के उपनगर गीज़ा में तीन पिरामिड हैं, लेकिन सिर्फ गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है।
 हाइलाइट्स
दुनिया के सात अजूबों में शामिल ग्रेट गीजा पिरामिड सबसे ऊपर आता है
भारत की तरह ही मिस्र की सभ्यता भी बहुत पुरानी है
सनेफेरू के उत्तराधिकारी के लिए बनाए गया था गीज़ा पिरामिड
 Great Giza Pyramid Inside: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ग्रेट गीजा पिरामिड सबसे ऊपर आता है। क्या आप जानते हैं कि इसका सदियों पुराना इतिहास और बनावट आज भी लोगों को हैरान कर देती है। मिस्र का पिरामिड उस समय बनाया गया था, जब मिस्र दुनिया के सबसे अमीर और शक्तिशाली सभ्यताओं में से एक था। यह पिरामिड- गीज़ा के महान पिरामिड-इतिहास में सबसे शानदार मानव निर्मित रचना में से एक है। मिस्र के पिरामिड का निर्माण तत्कालीन राजाओं के शवों को दफ़नाने के लिए किया जाता था
 भारत की तरह ही मिस्र की सभ्यता भी बहुत पुरानी है। वैसे तो मिस्र में कई पिरामिड हैं और काहिरा के उपनगर गीज़ा में तीन पिरामिड हैं, लेकिन सिर्फ गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है। दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में शेष यही एकमात्र ऐसा स्मारक है, जो सबसे पुराना है।

ऐसे थे शुरुवात के पिरामिड
राजवंश युग की शुरुआत से (2950 बी.सी.) में शाही कब्रों की चट्टान में नक्काशी की गई थी और समतल-छत वाले आयताकार ढांचे के साथ इन्हें सुरक्षित किया गया था। इसे “मस्तबा” कहा जाता था और ये अग्रगामी पिरामिड थे।
 ऐसा कहा जाता है कि पिरामिड के वास्तुकार इम्होटेप थे, एक पुजारी और चिकित्सक, जो 1,400 साल बाद वहां के लेखकों और चिकित्सकों के संत बन गए थे।

सनेफेरू के उत्तराधिकारी के लिए बनाए गया था गीज़ा पिरामिड
गीज़ा के पिरामिड सबसे पुराने और सबसे बड़ा, महान पिरामिड के रूप में जाने जाते है, प्राचीन दुनिया के प्रसिद्ध सात चमत्कारों में से एकमात्र जीवित संरचना है। यह खुफू (चेप्स, ग्रीक में), सनेफेरू के उत्तराधिकारी और चौथे राजवंश के आठ राजाओं के लिए बनाया गया था।

मिस्र के पिरामिड से प्राचीन और आधुनिक मक़बरे से लुटेरों ने निकायों और अंतिम संस्कार के सामान को लूट लिया था। उनके ऊपर लगे हुए चिकने सफेद चूने के पत्थर को ख़राब कर दिया गया था।
महान पिरामिड अब अपनी मूल ऊंचाई खुफू तक नहीं पहुंचते हैं, उदाहरण के लिए- आज के पिरामिड केवल 451 फीट ऊंचे ही होते हैं। हालाँकि आज भी लाखों लोग हर साल उनकी भव्यता और मिस्र के समृद्ध अतीत का स्थायी आकर्षण पिरामिड का दौरा करते हैं। यहां दूर-दूर से लोग घूमने भी आते हैं।
जानें गीजा पिरामिड के रोचक तथ्य
यह दुनिया के 7 अजूबों में सबसे ऊपर आता है और गीजा का महान पिरामिड सबसे पुराना है।
3,800 सालों से यह पिरामिड दुनिया की सबसे ऊंची बनावट है, जिसे कोई इमारत पीछे नहीं छोड़ सकी है।
ग्रेट पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग इस तरह किया गया है कि इसके अंदर का तापमान हमेशा स्थिर और पृथ्वी के औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के बराबर रहता है।
पिरामिड में नींव के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाये गये हैं ताकि ऊष्मा से होने वाले प्रसार और भूंकप से सुरक्षित रहे।
ग्रेट पिरामिड को गणित की जन्मकुंडली भी कहा जाता है, जिससे भविष्य की गणना की जा सकती है।
कुछ लोग पिरामिडों में स्थित जादुई असर की बात भी करते हैं, जो मानव स्वास्थ्य पर शुभ प्रभाव डालता है।

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Thursday, 29 October 2020

आर्मीनिया और अजरबैजान के मध्य विवाद और भारत

आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच सीमाओं को लेकर विवाद (Armenia-Azerbaijan Conflict) चल रहा है, जो हिंसक हो चुका है. लेकिन यह विवाद भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan Conflict) के बीच कश्मीर विवाद (Kashmir Issue) या भारत और चीन के बीच सीमा विवाद (India-China Border Dispute) से काफी अलग स्थिति है.
  भारत के आर्मेनिया के साथ रिश्ते? 
सुरक्षा और सहयोग आधारित संगठन (OSCE) के हिसाब से शांति बहाली की हिमायत करने वाले भारत के रिश्ते आर्मेनिया के साथ खासे दिलचस्प रहे हैं. इसी साल, मार्च में भारत ने आर्मेनिया को हथियार सप्लाई करने के लिए रूस और पोलैंड को मात देकर 4 करोड़ डॉलर की डील की. इससे पहले भी आर्मेनिया के साथ भारत के रिश्ते आपसी सहयोग के रह चुके हैं.
1991 में, जब सोवियत संघ टूटा तब आर्मेनिया को समर्थन दिया और वहां दूतावास की सेवाओं का विस्तार मॉस्को से किया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक तबसे अब तक आर्मेनिया के राष्ट्रपति तीन बार (1995, 2003 और 2017) भारत यात्रा पर आ चुके हैं और विदेश मंत्री भी (2000, 2006 और 2010). आर्मेनिया के बाद अज़रबैजान के साथ भारत के रिश्ते क्या बताते हैं?
अज़रबैजान के साथ रिश्तों का अर्थ?
संबंध दोस्ताना ही रहे हैं, लेकिन इनमें ताज़गी नहीं है. भारत के कला प्रतिनिधि रबींद्रनाथ टैगोर, विचार प्रतिनिधि और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अज़रबैजान की यात्राएं की थीं, लेकिन यह तब की बात है जब यह मुल्क सोवियत समाजवादी गणतंत्र हुआ करता था. अज़रबैजान जबसे सोवियत संघ से अलग हुआ है, तबसे यानी करीब 20 सालों से कोई उच्च स्तरीय मेलजोल नहीं रहा है
दोनों देशों से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय राजनीति?
दूसरी स्थिति यह है कि अज़रबैजान पहले कश्मीर मुद्दे पर तुर्की की तरह ही पाकिस्तान के सुर में सुर मिला चुका है. भारत के अपने संबंध खास तरोताज़ा नहीं है और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अज़रबैजान को पाकिस्तान की तरफ रुख कर लेना, ये तमाम इशारे हैं कि भारत आर्मेनिया के साथ चल रहे अज़रबैजान के विवाद में किसका पक्ष ले सकता है. नहीं रहा है

आर्मीनिया और अज़रबैजान, नागोर्नो-काराबाख को लेकर क्यों लड़ रहे हैं

दशकों पहले से जारी इस विवाद को लेकर एक बार फिर से छिड़ी लड़ाई में सोमवार को दर्जनों लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

इस विवाद के केंद्र में नागोर्नो-काराबाख का पहाड़ी इलाक़ा है जिसे अज़रबैजान अपना कहता है, हालांकि 1994 में ख़त्म हुई लड़ाई के बाद से इस इलाक़े पर आर्मीनिया का कब्ज़ा है.

1980 के दशक से अंत से 1990 के दशक तक चले युद्ध के दौरान 30 हज़ार से अधिक लोगों को मार डाल गया और 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए थे.

उस दौरान अलगावादी ताक़तों ने नागोर्नो-काराबाख के कुछ इलाक़ों पर कब्ज़ा जमा लिया, हालांकि 1994 में युद्धविराम के बाद भी यहां गतिरोध जारी है
पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रह चुके आर्मीनिया और अज़रबैजान नागोर्नो-काराबाख के इलाक़े को लेकर 1980 के दशक में और 1990 के दशक के शुरूआती दौर में संघर्ष कर चुके हैं.

दोनों ने युद्धविराम की घोषणा भी की लेकिन सही मायनों में शांति समझौते पर दोनों कभी सहमत नहीं हो पाए.

दक्षिणपूर्वी यूरोप में पड़ने वाली कॉकेशस के इलाक़े की पहाड़ियां रणनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जाती हैं. सदियों से इलाक़े की मुसलमान और ईसाई ताकतें इन पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहती रही हैं.

1920 के दशक में जब सोवियत संघ बना तो अभी के ये दोनों देश - आर्मीनिया और अज़रबैज़ान - उसका हिस्सा बन गए. ये सोवियत गणतंत्र कहलाते थे.

नागोर्नो-काराबाख की अधिकतर आबादी आर्मीनियाई है लेकिन सोवियत अधिकारियों ने उसे अज़रबैजान के हाथों सौंप दिया.

इसके बाद दशकों तक नागोर्नो-काराबाख के लोगों ने कई बार ये इलाक़ा आर्मीनिया को सौंपने की अपील की.

लेकिन असल विवाद 1980 के दशक में शुरू हुआ जब सोवियत संघ का विघटन शुरू हुआ और नागोर्नो-काराबाख की संसद ने आधिकारिक तौर पर खुद को आर्मीनिया का हिस्सा बनाने के लिए वोट किया

ये खबरे इंटरनेट से जुटाई गयी है, जिसका विश्लेषण करने का प्रयास मेरे द्वारा किया गया हैं, कई पाकिस्तान के लोगो के द्वारा इस खबर को कश्मीर के हल के तौर पर भी देखा जा रहा है जिसमे वो कहते हुए दिखते है कि उन्हें भी भारत से इसी तरह लडाई करके कश्मीर को ले लेना चाहिए, परन्तु वो ये भूल रहे है कि सन् 1948,1971,1964, और कारगिल 1999 मे उन्हे भारत से मुह की खानी पड़ी थी।
आगे जारी रहेगा... 
गौरव्

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