Tuesday, 13 December 2022

क्या आप जानते हैं ग्रेट गीजा पिरामिड से जुड़ी ये रोचक बातें? यहां जानें इजिप्ट के पिरामिडों का रहस्य

वैसे तो मिस्र में कई पिरामिड हैं और काहिरा के उपनगर गीज़ा में तीन पिरामिड हैं, लेकिन सिर्फ गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है।
 हाइलाइट्स
दुनिया के सात अजूबों में शामिल ग्रेट गीजा पिरामिड सबसे ऊपर आता है
भारत की तरह ही मिस्र की सभ्यता भी बहुत पुरानी है
सनेफेरू के उत्तराधिकारी के लिए बनाए गया था गीज़ा पिरामिड
 Great Giza Pyramid Inside: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ग्रेट गीजा पिरामिड सबसे ऊपर आता है। क्या आप जानते हैं कि इसका सदियों पुराना इतिहास और बनावट आज भी लोगों को हैरान कर देती है। मिस्र का पिरामिड उस समय बनाया गया था, जब मिस्र दुनिया के सबसे अमीर और शक्तिशाली सभ्यताओं में से एक था। यह पिरामिड- गीज़ा के महान पिरामिड-इतिहास में सबसे शानदार मानव निर्मित रचना में से एक है। मिस्र के पिरामिड का निर्माण तत्कालीन राजाओं के शवों को दफ़नाने के लिए किया जाता था
 भारत की तरह ही मिस्र की सभ्यता भी बहुत पुरानी है। वैसे तो मिस्र में कई पिरामिड हैं और काहिरा के उपनगर गीज़ा में तीन पिरामिड हैं, लेकिन सिर्फ गिजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ ही प्राचीन विश्व के सात अजूबों की सूची में है। दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यों में शेष यही एकमात्र ऐसा स्मारक है, जो सबसे पुराना है।

ऐसे थे शुरुवात के पिरामिड
राजवंश युग की शुरुआत से (2950 बी.सी.) में शाही कब्रों की चट्टान में नक्काशी की गई थी और समतल-छत वाले आयताकार ढांचे के साथ इन्हें सुरक्षित किया गया था। इसे “मस्तबा” कहा जाता था और ये अग्रगामी पिरामिड थे।
 ऐसा कहा जाता है कि पिरामिड के वास्तुकार इम्होटेप थे, एक पुजारी और चिकित्सक, जो 1,400 साल बाद वहां के लेखकों और चिकित्सकों के संत बन गए थे।

सनेफेरू के उत्तराधिकारी के लिए बनाए गया था गीज़ा पिरामिड
गीज़ा के पिरामिड सबसे पुराने और सबसे बड़ा, महान पिरामिड के रूप में जाने जाते है, प्राचीन दुनिया के प्रसिद्ध सात चमत्कारों में से एकमात्र जीवित संरचना है। यह खुफू (चेप्स, ग्रीक में), सनेफेरू के उत्तराधिकारी और चौथे राजवंश के आठ राजाओं के लिए बनाया गया था।

मिस्र के पिरामिड से प्राचीन और आधुनिक मक़बरे से लुटेरों ने निकायों और अंतिम संस्कार के सामान को लूट लिया था। उनके ऊपर लगे हुए चिकने सफेद चूने के पत्थर को ख़राब कर दिया गया था।
महान पिरामिड अब अपनी मूल ऊंचाई खुफू तक नहीं पहुंचते हैं, उदाहरण के लिए- आज के पिरामिड केवल 451 फीट ऊंचे ही होते हैं। हालाँकि आज भी लाखों लोग हर साल उनकी भव्यता और मिस्र के समृद्ध अतीत का स्थायी आकर्षण पिरामिड का दौरा करते हैं। यहां दूर-दूर से लोग घूमने भी आते हैं।
जानें गीजा पिरामिड के रोचक तथ्य
यह दुनिया के 7 अजूबों में सबसे ऊपर आता है और गीजा का महान पिरामिड सबसे पुराना है।
3,800 सालों से यह पिरामिड दुनिया की सबसे ऊंची बनावट है, जिसे कोई इमारत पीछे नहीं छोड़ सकी है।
ग्रेट पिरामिड में पत्थरों का प्रयोग इस तरह किया गया है कि इसके अंदर का तापमान हमेशा स्थिर और पृथ्वी के औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के बराबर रहता है।
पिरामिड में नींव के चारों कोने के पत्थरों में बॉल और सॉकेट बनाये गये हैं ताकि ऊष्मा से होने वाले प्रसार और भूंकप से सुरक्षित रहे।
ग्रेट पिरामिड को गणित की जन्मकुंडली भी कहा जाता है, जिससे भविष्य की गणना की जा सकती है।
कुछ लोग पिरामिडों में स्थित जादुई असर की बात भी करते हैं, जो मानव स्वास्थ्य पर शुभ प्रभाव डालता है।

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Thursday, 29 October 2020

आर्मीनिया और अजरबैजान के मध्य विवाद और भारत

आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच सीमाओं को लेकर विवाद (Armenia-Azerbaijan Conflict) चल रहा है, जो हिंसक हो चुका है. लेकिन यह विवाद भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan Conflict) के बीच कश्मीर विवाद (Kashmir Issue) या भारत और चीन के बीच सीमा विवाद (India-China Border Dispute) से काफी अलग स्थिति है.
  भारत के आर्मेनिया के साथ रिश्ते? 
सुरक्षा और सहयोग आधारित संगठन (OSCE) के हिसाब से शांति बहाली की हिमायत करने वाले भारत के रिश्ते आर्मेनिया के साथ खासे दिलचस्प रहे हैं. इसी साल, मार्च में भारत ने आर्मेनिया को हथियार सप्लाई करने के लिए रूस और पोलैंड को मात देकर 4 करोड़ डॉलर की डील की. इससे पहले भी आर्मेनिया के साथ भारत के रिश्ते आपसी सहयोग के रह चुके हैं.
1991 में, जब सोवियत संघ टूटा तब आर्मेनिया को समर्थन दिया और वहां दूतावास की सेवाओं का विस्तार मॉस्को से किया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक तबसे अब तक आर्मेनिया के राष्ट्रपति तीन बार (1995, 2003 और 2017) भारत यात्रा पर आ चुके हैं और विदेश मंत्री भी (2000, 2006 और 2010). आर्मेनिया के बाद अज़रबैजान के साथ भारत के रिश्ते क्या बताते हैं?
अज़रबैजान के साथ रिश्तों का अर्थ?
संबंध दोस्ताना ही रहे हैं, लेकिन इनमें ताज़गी नहीं है. भारत के कला प्रतिनिधि रबींद्रनाथ टैगोर, विचार प्रतिनिधि और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अज़रबैजान की यात्राएं की थीं, लेकिन यह तब की बात है जब यह मुल्क सोवियत समाजवादी गणतंत्र हुआ करता था. अज़रबैजान जबसे सोवियत संघ से अलग हुआ है, तबसे यानी करीब 20 सालों से कोई उच्च स्तरीय मेलजोल नहीं रहा है
दोनों देशों से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय राजनीति?
दूसरी स्थिति यह है कि अज़रबैजान पहले कश्मीर मुद्दे पर तुर्की की तरह ही पाकिस्तान के सुर में सुर मिला चुका है. भारत के अपने संबंध खास तरोताज़ा नहीं है और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अज़रबैजान को पाकिस्तान की तरफ रुख कर लेना, ये तमाम इशारे हैं कि भारत आर्मेनिया के साथ चल रहे अज़रबैजान के विवाद में किसका पक्ष ले सकता है. नहीं रहा है

आर्मीनिया और अज़रबैजान, नागोर्नो-काराबाख को लेकर क्यों लड़ रहे हैं

दशकों पहले से जारी इस विवाद को लेकर एक बार फिर से छिड़ी लड़ाई में सोमवार को दर्जनों लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

इस विवाद के केंद्र में नागोर्नो-काराबाख का पहाड़ी इलाक़ा है जिसे अज़रबैजान अपना कहता है, हालांकि 1994 में ख़त्म हुई लड़ाई के बाद से इस इलाक़े पर आर्मीनिया का कब्ज़ा है.

1980 के दशक से अंत से 1990 के दशक तक चले युद्ध के दौरान 30 हज़ार से अधिक लोगों को मार डाल गया और 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए थे.

उस दौरान अलगावादी ताक़तों ने नागोर्नो-काराबाख के कुछ इलाक़ों पर कब्ज़ा जमा लिया, हालांकि 1994 में युद्धविराम के बाद भी यहां गतिरोध जारी है
पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रह चुके आर्मीनिया और अज़रबैजान नागोर्नो-काराबाख के इलाक़े को लेकर 1980 के दशक में और 1990 के दशक के शुरूआती दौर में संघर्ष कर चुके हैं.

दोनों ने युद्धविराम की घोषणा भी की लेकिन सही मायनों में शांति समझौते पर दोनों कभी सहमत नहीं हो पाए.

दक्षिणपूर्वी यूरोप में पड़ने वाली कॉकेशस के इलाक़े की पहाड़ियां रणनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जाती हैं. सदियों से इलाक़े की मुसलमान और ईसाई ताकतें इन पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहती रही हैं.

1920 के दशक में जब सोवियत संघ बना तो अभी के ये दोनों देश - आर्मीनिया और अज़रबैज़ान - उसका हिस्सा बन गए. ये सोवियत गणतंत्र कहलाते थे.

नागोर्नो-काराबाख की अधिकतर आबादी आर्मीनियाई है लेकिन सोवियत अधिकारियों ने उसे अज़रबैजान के हाथों सौंप दिया.

इसके बाद दशकों तक नागोर्नो-काराबाख के लोगों ने कई बार ये इलाक़ा आर्मीनिया को सौंपने की अपील की.

लेकिन असल विवाद 1980 के दशक में शुरू हुआ जब सोवियत संघ का विघटन शुरू हुआ और नागोर्नो-काराबाख की संसद ने आधिकारिक तौर पर खुद को आर्मीनिया का हिस्सा बनाने के लिए वोट किया

ये खबरे इंटरनेट से जुटाई गयी है, जिसका विश्लेषण करने का प्रयास मेरे द्वारा किया गया हैं, कई पाकिस्तान के लोगो के द्वारा इस खबर को कश्मीर के हल के तौर पर भी देखा जा रहा है जिसमे वो कहते हुए दिखते है कि उन्हें भी भारत से इसी तरह लडाई करके कश्मीर को ले लेना चाहिए, परन्तु वो ये भूल रहे है कि सन् 1948,1971,1964, और कारगिल 1999 मे उन्हे भारत से मुह की खानी पड़ी थी।
आगे जारी रहेगा... 
गौरव्

Thursday, 27 February 2020

Unit Weight of Material used in Construction

*Unit Weight of Materials Used at Construction Site:*

1- Water= 1000 Kg/ m3
2- Bricks (broken)= 1420 Kg/ m3
3- Bricks(common)= 1600 Kg/ m3
4- Cement(ordinary)= 1440 Kg/ m3
5- Cement (rapid hardening)= 1250 Kg/ m3
6-Cement Mortar= 2000 Kg/ m3
7- Cement Concrete (Plain)= 2400 Kg/ m3
8- Cement Concrete (Reinforced)= 2500 Kg/ m3
9- Glass= 2500 Kg/ m3
10- Lime Concrete= 1900 Kg/ m3
11- Cement Plaster= 2000 Kg/ m3
12- Lime Plaster= 1700 Kg/ m3
13 Stones (Ballast)= 1720 Kg/ m3
14- Stones (Aggregates)= 1750 Kg/ m3
15- Stones (Basalt)= 2850 Kg/ m3
16- Stones (Granite)= 2450 Kg/ m3
17- Stones (Marble)= 2650 Kg/ m3
18- Timber (Oak, Sal)= 510 Kg/ m3
19- Timber (Mango)= 650 Kg/ m3
20- Timber (Teak)= 625 Kg/ m3
21- Coal 600= Kg/ m3
22- Plastics= 1250 Kg/ m3
23- Oils= 800 Kg/ m3
24- Ashes= 650 Kg/ m3
25- Clinker= 750 Kg/ m3
26- Rubber= 1300 Kg/ m3
27- Slag= 1500 Kg/ m3
28- Clay Soil= 1900 Kg/ m3
29- Sand (dry)= 1540 to 1600 Kg/ m3
30- Sand (wet)= 11760 to 2000 Kg/ m3
31- Steel= 7850 Kg/ m3
32- Chalk= 2100 Kg/ m3
33- Bitumen= 1040 Kg/ m3


Tuesday, 11 February 2020

About Plumbing Traps


Traps –

A Trap is a device which is used to prevent sewer gases from entering the building.

Common gases that are produced in a sewage system.
 1-Methane
 2- Hydrogen sulphide
 3- Nitrogen Sulphide
 4- Carbon monoxide

Depending upon the shape are classified as:

1-P Trap- This trap is used with Indian water closet, is used for outlet through the wall.

2-Q Trap-This trap is used in toilet under water closet.

3-S Trap - Similar to P Trap and is used for fixing water closet in toilets (through the floor)   
           
4-Nahni/Floor Trap- This trap is provided in the floor to collect waste water from washbasin,  shower, sink, bathroom.

5-Gully trap- These traps are constructed outside the building to carry waste water discharge from wash basin, sinks, bathrooms etc and connected to the nearest building drain/sewer so that foul gases from sewer do not come to the house.

6-Intercepting trap- This is provided at the last main hole.

7-Bottle Trap- This Trap is used below washbasin and sinks to prevent entry of foul gases.

Monday, 10 February 2020

Parasite: पढ़‍िए उस फिल्‍म की पूरी कहानी जिसने ऑस्‍कर में धमाल मचा दिया

पैरासाइट' पहली एशियन फिल्म है जिसे ऑस्‍कर में बेस्‍ट फ‍िल्‍म अवॉर्ड से नवाजा गया है। इस फिल्‍म का प्रीमियर 2019 के कान फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल में भी हुआ था। Parasite को साउथ कोरिया के सिनेमाई इतिहास में सबसे बेहतरीन फिल्‍मों में गिना जा रहा है। इस फिल्‍म ने साउथ कोरिया में 167.6 मिलियन डॉलर का कारोबार किया है।

साउथ कोरियन फिल्‍म 'पैरासाइट' ने धमाल मचा दिया है। इस फिल्‍म को 'ऑस्‍कर 2020' में 'बेस्‍ट फिल्‍म' साहित 4 अवॉर्ड्स मिले हैं। Bong Joon-ho के डायरेक्‍शन में बनी इस फिल्‍म को 'बेस्ट ओरिजनल स्क्रीनप्ले', 'बेस्ट डायरेक्टर' और 'बेस्ट इंटरनेशनल फीचर' कैटिगरी में भी ऑस्कर मिला है। 'पैरासाइट' पहली एशियन फिल्म है जिसे इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से नवाजा गया है। इस फिल्‍म का प्रीमियर 2019 के कान फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल में भी हुआ था। Parasite को साउथ कोरिया के सिनेमाई इतिहास में सबसे बेहतरीन फिल्‍मों में गिना जा रहा है। इस फिल्‍म ने साउथ कोरिया में 167.6 मिलियन डॉलर का कारोबार किया है।
अब तक विदेशी फिल्‍में नहीं रहींं ज्‍यादा सफल
पैरासाइट' में Song Kang-ho, Lee Sun-kyun, Cho Yeo-jeong, Choi Woo-shik, और Park So-dam मुख्‍य भूमिका निभा रहे हैं। दिलचस्‍प बात यह है कि इससे पहले विदेशी भाषा वाली फिल्में ऑस्कर में बहुत ज्यादा सफल नहीं रही हैं। इससे पहले 'डिवोर्स इटालियन स्टाइल', 'अ मैन एंड ए वुमन' और 'टॉक टू हर' जैसी फिल्में भी ऑस्कर अपने नाम कर चुकी हैं।

गरीबी, अमीरी और अध‍िक की चाहत वाली कहानी
पैरासाइट' की कहानी कोरिया में रहने वाले एक गरीब और एक उच्च वर्गीय परिवार की है। पैरासाइट एक ब्लैक कॉमेडी है, जिसमें सोशल स्टेट्स के साथ ही अध‍िक की चाहत और विलासपूर्ण जीवन के बीच के अंतर को खूबसूरती से दिखाया गया है। पढ़‍िए फिल्‍म की पूरी कहानी-
किम परिवार एक छोटे से सेमी-बेसमेंट अपार्टमेंट में रहता है। परिवार में पिता Ki-taek हैं। मां Chung-sook, बेटी Ki-jeong और बेटा Ki-woo. परिवार के सभी चार लोग टेम्‍पररी जॉब्‍स करते हैं। आमदनी कम है। एक दिन डिनर करते वक्‍त उनके घर Min-hyuk आता हैं। वह की-वू का अच्‍छा दोस्‍त है। Min-hyuk विदेश पढ़ने जाने की तैयारी कर रहा है। डिनर के बाद की-वू और मिन ड्रिंक के लिए बाहर जाते हैं। मिन यहां की-वू से कहता है कि उसे एक पड़ोस के अमीर पार्क फैमिली के यहां नौकरी करनी चाहिए। उन्‍हें बेटी को पढ़ाने के लिए ट्यूटर की जरूरत है।
मिन कहता है कि वह यूनिवर्सिटी के किसी और दोस्‍त पर भरोसा नहीं कर सकता और इसलिए यह जिम्‍मेदारी की-वू को सौंपना चाहता है। पार्क फैमिली अपनी बेटी Da-hye के लिए किसी यूनिवर्सिटी स्‍टूडेंट पर ही भरोसा करेगी। कहानी में दिलचस्‍प मोड़ आता है और किम परिवार के सभी चार सदस्‍य धीरे-धीरे पार्क फैमिली में नौकरी के लिए जुगाड़ निकालने लगते हैं। ये चारों खुद को हाइली क्‍वालिफाइड बताते हैं, जो कि झूठ है। की-वू ट्यूटर बन जाता है। वह Da-hye से रोमांस भी करने लगता है।
की-वू की बहन Ki-jeong खुद को आर्ट थेरेपिस्‍ट बताकर नौकरी पा लेती है। वह पार्क फैमिली के बेटे Da-song की थेरेपिस्‍ट बन जाती है, जो थोड़ा अजीब और अस्‍थ‍िर है। Ki-jeong मिस्‍टर पार्क की कार की पिछली सीट में अपना अंडरवि‍यर रख देती है। Ki-jeong पार्क से यह कहकर ड्राइवर को निकलवा देती है कि वह कार की पिछली सीट पर किसी लड़की के साथ शरीरिक संबंध बना रहा था। की-वू के पिता Ki-taek घर में ड्राइवर बनकर आ जाते हैं। मां Chung-sook हाउसकीपर के तौर पर पार्क फैमिली को जॉइन करती है। इस तरह पूरा किम परिवार, मिस्‍टर पार्क के यहां नौकरी करने लगता है।
इस बीच पार्क फैमिली एक कैम्‍प‍िंग ट्र‍िप प्‍लान करती है और छुट्टियों पर चली जाती है। किम परिवार अब लग्‍जरी सुविधाओं से सजे बड़े से घर में अकेला है। पार्क फैमिली के जाते ही घर की पुरानी हाउसकीपर Moon-gwang सामने आ जाती है। वह खुलासा करती है कि घर में एक छिपा हुआ रास्‍ता है, जो घर के नीचे बने एक बंकर में पहुंचता जाता है। मून किम के परिवार को बताती है कि वह और उसका पति 4 साल तक उस बेसमेंट वाले घर में छ‍िपकर रहे हैं, क्‍योंकि कर्जदार उन्‍हें परेशान कर रहे थे
इस बीच मून को किम परिवार की सच्‍चाई का पता चलता है। वह धमकी देती है कि पार्क फैमिली को वह सारी सच्‍चाई बता देगी कि चारों का आपस में रिश्‍ता है। मून शर्त रखती है कि यदि किम परिवार उसके रहस्‍य का खुलासा नहीं करते हैं तो वह चुप रहेगी। दोनों परिवारों के बीच झगड़ा होने लगता है
इस बीच मौसम खराब होने की वजह से किम परिवार जल्‍द ही छुट्टियों से लौट आता है। लेकिन इस बीच मून और उसके पति की किम परिवार से लड़ाई हो रही है। किम परिवार के चारों सदस्‍य दोनों पति-पत्‍नी को घायल कर देते हैं और बांधकर बेसमेंट में बंद कर आते हैं। मिस्‍टर पार्क और उनकी फैमिली घर लौटती है। Chung-sook खाना पकाती है और डिनर सर्व करती है। इस दौरान वह बताते हैं कि उनके बेटे Da-song ने कुछ साल पहले एक भूत देखा था, जिसके बाद से वह अजीब बर्ताव करने लगा है।। 
शहर में आंधी और बाढ़ आती है। पूरा घर पानी से भर जाता है। पार्क घर की हालत के लिए सबको फटकार लगाते हैं। स्‍थ‍िति नियंत्रण में आने के बाद मिस्‍टर पार्क अपने बेटे के जन्‍मदिन पर पार्टी की घोषणा करते हैं। किम परिवार के चारों लोग भी पार्टी में मौजूद हैं। इस दौरान की-वू घर के नीचे बने बंकर में जाता है। लेकिन देखता है कि मून की मौत हो चुकी है। मून का पति Geun-sae की-वू पर हमला करता है और वहां से भाग निकलता है।
Geun-sae अपनी पत्‍नी की मौत का बदला लेना चाहता है और रसाई में रखे चाकू से Ki-jeong के सीने में सब के सामने खंजर घोंप देता है। अफरा-तफरी मच जाती है। इस माहौल में Ki-taek भी मिस्‍टर पार्क से गुस्‍सा है। वह लगातार श‍िकायतों से परेशान है और मिस्‍टर पार्क का खून कर देता है।
अब कुछ हफ्तों बाद की कहानी दिखाई जाती है। की-वू अब ठीक है। वह मून के पति के हमले की वजह से कोमा में चला गया था। की-वू और उसकी मां पर फ्रॉड का आरोप लगा है। जबकि उसकी बहन Ki-jeong घायल होने और चोट लगने की वजह से मर गई है। पिता Ki-taek पर मिस्‍टर पार्क के खून का इल्‍जाम है और वह फरार है।
मिस्‍टर पार्क का घर एक जर्मन परिवार को बेच दिया गया है। की-वू को उसके फरार पिता का संदेश मिलता है। Ki-taek ने मेसेज में लिखा है कि वह अभी भी उसी बंकर में छ‍िपकर रह रहा है। की-वू अपने पिता को चिट्ठी लिखता है कि एक दिन वह खूब पैसे कमाएगा और यह आलीशान बंगला खरीदेगा। वह वादा करता है कि एक दिन परिवार को मिलाकर रहेगा।

Thursday, 6 February 2020

Electrical Wall Conduiting.


The wires are installed in 4 steps.
Step 1: Laying the electrical conduits in the slab
Step 2: Laying the electrical conduits in the wall
Step 3: Installation of Switch Boards Back Boxes
Step 4: Installation of Distribution Boards

Let us look at the step-by-step installation procedure of a concealed conduit electrical wiring system.
Step-1: Laying of Electrical Conduits in Slab
The slab conduits for house wiring should be 2 mm thick and 25 mm in size for PVC conduits. Lay the slab conduits between the top and bottom reinforcement.
Use only deep junction boxes in slabs. Properly bind the PVC conduits using the binding wire.
It would be ideal to follow the colour coding for conduits for electrical wires and data such as LAN and telephone wire. Use grey PVC pipes for data, black PVC pipes for electrical wires and PVC solvent for joining the accessories
Check the wall drops carefully and determine the concrete thickness.
Check the conducting as per the service drawings and see where the switchboards are located and how many points need to be installed at each location
Take special precautions while concreting the slab
Replace all the broken pipes
Ensure that all the joints are watertight
Once the slab and beam are de-shuttered, pass the GI wiring immediately. Document any choke up or alternate route for future references
Provide all the necessary sleeve in beams, columns prior to slab casting as per electrical & air-conditioning
Provide the pull boxes at suitable locations
Don’t cluster the pull and junction boxes at one place. Arrange them so that they can’t be seen easily from heavy movement areas as per the electrical drawings

Step-2: Laying of Electrical Conduits in Wall

Carry out the concealed conduit work after the construction of masonry walls but before the plastering work starts
Once the curing of brickwork is completed, carry out the chasing work. Ideally, maintain a gap of 7 days between the two activities
Do the wall chasing with wall cutters only as this would avoid damage to the walls
Fix the electrical conduits with the approved clips to ensure proper routing and wiring
Once the conduits, boxes and accessories are fixed, fill the chiselled surface with cement mortar and chick mesh wrapped around the conduits
Start the wall conducting activity with level marking on the wall, keeping the height above FFL (Finished floor level) in mind
Limit the width of chasing as per the number of conduits
The depth of chasing should be at least 10 mm from the masonry wall to have the conduit recess
Make sure that all the horizontal conduit runs are straight at the box level. The light point conduit should run straight vertically to the switch box. Make sure no wall conduit is taken haphazardly
Don’t use any elbows or bends. Use a spring to bend if you want to change the direction of the pipe.
Don’t run power conduits near any communication line
Run the conduits above the false ceiling with proper support. Don’t rest them on the false ceiling in any case. Seal the vertical runs with open ends at the top if you have false ceiling work

Step-3: Installation of Switch Boards Back Boxes

Fix the concealed switchboard properly in level based on the architect’s design, for example, distance and height from the finished floor level (FFL)
Ensure that the gap between the concealed switchboards is uniform. Maintain the same uniformity across all the installations.
The switchboards must be readymade modular type metal boxes of the approved make. Fix the concealed box 3 mm below the plastered surface.
Finish the box fixing before the plastering work while doing the wall conduiting. Fill the boxes with thermocol while the plastering work is being done.

Step-4: Installation of Distribution Boards

Conceal the distribution board before the plasterwork
Fix the DB box in a proper line and level the recess provided in the brickwork
Ready the box as per the design such as fixing the number of conduits entering the distribution box
Place the PVC pipes from the given entry holes only
Make sure that you go through all these steps in an orderly manner for the successful installation of the concealed electrical wiring system. Our experts at D&F Liquidators, Inc. can help you with the successful installation of concealed electric wiring at your home. Do contact us to know more details about the same.

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